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लंबे समय से बीमार बीजेपी के कद्दावर नेता और पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली जी का शनिवार को एम्स में निधन हो गया। वह 66 वर्ष के थे। उन्होंने दोपहर 12 बजकर सात मिनट पर अंतिम सांस ली। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स)ने बयान जारी कर कहा, 'बहुत ही दुख के साथ हमें सूचित करना पड़ रहा है कि पूर्व वित्त मंत्री और सांसद अरुण जेटली जी का शनिवार को दोपहर 12.07 बजे निधन हो गया है। वह एम्स में 9 अगस्त से भर्ती थे और उनका इलाज वरिष्ठ डॉक्टरों की निगरानी में हो रहा था।' जेटली का निधन ऐसे वक्त में हुआ है, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विदेश दौरे पर अभी संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में हैं। दूसरी तरफ गृह मंत्री अमित शाह ने अपने हैदराबाद दौरे को बीच में ही खत्म कर दिया है और वह दिल्ली के लिए रवाना हो चुके हैं। प्रधानमंत्री ने यूएई से ही जेटली के परिवार से बात की है और उनके निधन पर शोक जताया है। जेटली को यहां में नौ अगस्त भर्ती कराया गया था और कई क्षेत्रों के वरिष्ठ चिकित्सकों का दल उनका इलाज कर रहा था। अस्पताल के सूत्रों ने इससे पहले उनके जीवन रक्षक प्रणाली पर होने की जानकारी दी थी। जेटली पेशे से वकील थे और बीजेपी सरकार के पहले कार्यकाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल में उनकी अहम भूमिका रही । उन्होंने वित्त और रक्षा मंत्रालय का कार्यभार संभाला और कई बार सरकार के लिए संकटमोचक भी साबित हुए। 



बीमारी के कारण जेटली ने 2019 लोकसभा चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया था। इस साल मई में भी उन्हें इलाज के लिए एम्स में भर्ती कराया गया था। पिछले साल 14 मई को उनकी किडनी का प्रतिरोपण हुआ था। उस समय रेलवे मंत्री पीयूष गोयल ने उनके वित्त मंत्रालय का कार्यभार संभाला था। हालांकि, बीमारी को मात देकर 23 अगस्त 2018 को उन्होंने दोबारा वित्त मंत्रालय का कार्यभार संभाला था। 




प्रधानमन्त्री मोदी ने की अरुण जेटली के परिवार से वार्तालाप

दिग्गज बीजेपी नेता की मौत के बाद बीजेपी शोक के लहर में डूब गई है। प्रधानमंत्री ने नरेंद्र मोदी ने निधन पर शोक जताते हुए उन्हें कद्दावर बुद्धिजीवी बताया है। प्रधानमंत्री ने जेटली के परिवार से बात करके संवेदनाएं भी व्यक्त कीं। प्रधानमंत्री ने यूएई से ही जेटली की पत्नी संगीता और बेटे रोहन से बात की और उन्हें सांत्वना दी। गौरतलब है कि नरेंद्र मोदी का अरुण जेटली के साथ लंबे समय से बेहद करीबी रिश्ता रहा था। जेटली ने मोदी को बीजेपी के पीएम पद का उम्मीदवार बनाने का न केवल समर्थन किया बल्कि सरकार के पहले कार्यकाल में बतौर वित्त मंत्री मोदी के साथ मजबूती से खड़े रहे। 


मेरे लिए निजी क्षति: गृह मंत्री 


बीजेपी अध्यक्ष और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जेटली के निधन को अपनी निजी क्षति बताया है। उन्होंने कहा, 'अरुण जेटली जी के निधन से अत्यंत दुखी हूँ, जेटली जी का जाना मेरे लिए एक व्यक्तिगत क्षति है। उनके रूप में मैंने न सिर्फ संगठन का एक वरिष्ठ नेता खोया है बल्कि परिवार का एक ऐसा अभिन्न सदस्य भी खोया है जिनका साथ और मार्गदर्शन मुझे वर्षों तक प्राप्त होता रहा।' 


 


विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने दी श्रद्धांजलि 
जेटली के निधन से पूरे देश में शोक की लहर है। उन्हें विभिन्न राजनीतिक पार्टियों की तरफ से श्रद्धांजलि दी जा रही है। कांग्रेस पार्टी ने अपने शोक संदेश में कहा, 'हम अरुण जेटली के निधन की खबर से बहुत दुखी हैं। उनके परिवार के प्रति हमारी संवेदना है। शोक की इस घड़ी में हमारी संवेदान और प्रार्थना उनके साथ हैं।' 


कई बीमारियों की चपेट में आ गए थे जेटली 
जेटली के फेफड़ों में पानी जमा हो रहा था, जिसकी वजह से उन्हें सांस लेने में दिक्कत आ रही था। यही वजह है कि डॉक्टरों ने उन्हें वेंटिलेटर पर रखा था। उन्हें सॉफ्ट टिशू सरकोमा था, जो एक प्रकार का कैंसर होता है। बता दें कि जेटली पहले से डायबिटीज के मरीज थे। उनका किडनी ट्रांसप्लांट हो चुका था। सॉफ्ट टिशू कैंसर की भी बीमारी का पता चलने के बाद वह इलाज के लिए अमेरिका भी गए थे। उन्होंने मोटापे से छुटकारा पाने के लिए बैरिएट्रिक सर्जरी भी करा रखी थी। 

वकील से राजनेता तक का शानदार सफर 
दिल्ली विश्वविद्यालय से छात्र नेता के रूप में राजनीतिक करियर की शुरुआत करने वाले जेटली सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील भी थे। मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में वित्त मंत्रालय संभालने वाले जेटली स्वास्थ्य कारणों से मोदी-2 सरकार में शामिल नहीं हुए थे। वह अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में भी केंद्रीय मंत्री रहे थे। उनकी गिनती देश के बेहतरीन वकीलों के तौर पर होती रही। 80 के दशक में ही जेटली ने सुप्रीम कोर्ट और देश के कई हाई कोर्ट में महत्वपूर्ण केस लड़े। 1990 में उन्हें दिल्ली हाई कोर्ट ने सीनियर वकील का दर्जा दिया। वी.पी. सिंह की सरकार में उन्हें अडिशनल सॉलिसिटर जनरल का पद मिला था।